Tuesday, August 4, 2020

शमशान मे चिता ,कब्रस्तान में दफ्न रोज बच्चे जवान बूढ़े कोरोना के डर से हो रहे है.


                                         न्यूज वैल्यू
शमशान मे चिता ,कब्रस्तान में दफ्न रोज बच्चे जवान बूढ़े कोरोना के डर से हो रहे है......

अब हम सब भारतीयों की जिम्मेदारी है,कदम से कदम मिलाकर एक साथ खड़े रहने की,क्यों कि सरकार की कोशिश अब कम पड़ रही है.ये भी हकीकत है .....
हालात तो अब देश मे ये है कि,अपने ही मोहल्ले, अपने  पड़ोसी,अपने दोस्त अहबाब,अपने रिश्तेदार,को अचानक मरते हुए देखना पड़ रहा है.जिसमे हर मारनेवाला कोरोना का है? पिछले छह महीनोसे सुबह शाम कोरोना सुन सुन कर,कोई कैसा भी मरा हो, कोरोना ही से मरा है यह गलतफहमी की चर्चा से कई नागरिकोमे कोरोना की दहशत का असर इस तरह छा गया है कि,इन दिनों बारिश के मौसम में बारिश और बादल की वजह से बदलते पानी से बहोत सारी एक दुसरेसे फैलने वाली (वाइरल ) बीमारियाँ भी अपना असरदार जोर हर साल की तरह दिखा रही है.
जिसमे पानीसे भिजने से सर्दी,खाँसी, बुखार होता है वैसे ही बारिश का पानी नदी नाले से बहते कुए,तालाब,डैमों में जमता है.जिसमे कई जीवजंतु होने से जल निर्जन्तुकरण विभाग भी सोंच में पड़ता है ,ज्यादा मात्रा में दवा का मिश्रण भी नागरिको के आरोग्य को नुकसान पहोचाती है,कम दवा का मिश्रण भी डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, फ्लू ये सब जानलेवा बीमारियाँ को निमंत्रण देता है.ये बीमारियां हर साल इनता असर छोडती है, बहोत बड़े पैमाने पर हमारी सरकारी आरोग्य यंत्रणा काम पर जुटी होती है.और बीमारियों को नियंत्रण में लाने में प्राइवेट अस्पतालों काम करते है. फिर भी बीमारिया हर साल आती ही रहती है,इस साल कोरोना के लंबे काल के असर से दुर्लक्षित सी हो रही है और मिलती जुलती असरात (सिम्टम्स) के कारण डॉक्टर का डायग्नोसीस उल्टा होने से बीमारको मौत और रिश्तेदारों को पैसे का भारी भुगतान करना पड़ता है.
बड़े अस्पताल मे  बहन के  के नजदीकी एक रिश्तेदार की अम्माको रूटीन बीपी चेकिंग के लिए अस्पताल लेजाया गया.बीपी जरा बढ़ा हुआ था,तो कोरोना चेकिंग को ले जाने लगे,सामने पीपी किट पहने हुए देख बीपी और बढने लगा बेटे ने जब माँ को अस्पताल ले आया तो माँ नार्मल थी.अस्पताल के उतार चढ़ाव में थोड़ा बीपी बढ़ाना लाजमी था.मगर कोरोना चेकिंग की बात सुनी तो हालात बीपी बढने से सास लेने में तकलीफ होने लगी थी.बेटे ने माँ की हालत को समझा और कोरोना टेस्ट बिना ही घर अपने जिम्मेदारी पर ले आया.अम्मा अस्पताल से घर वापसी पर नार्मल हो गयी.इस घटना से आजतक नार्मल ही है.मगर ऐसी बहोत सारे लोग ऐ सी घटनाओं के शिकार हो कर मर जाते है और इल्जाम कोरोना पर क्योकि कोरोना का कोई रिपोर्ट आपको दिखायी जाती ही नही.कोरोना हर डॉक्टर के दिलोदिमाग़ पर छाने के वजह से अव्वल टेस्ट सिर्फ कोरोना दांत का दर्द होतो कोरोना,कान का दर्द होतो कोरोना,पेट दुखे तो कोरोना टेस्ट. हम सब जानते है अब तक कोरोना का कोई इलाज नही हैं सिर्फ क्वारणटाइन ही एक मात्र इलाज इसी मानसिकता की वजह से टेस्ट रिपोर्ट पर कोरोना का निदान और अपूर्ण टेस्टिंग के सुविधा से देरी के वजह से इलाज में देरी और देरी कारण तबियत ज्यादा खराब होती है और प्रभावी इंजेक्शन की वज़ह से कुछ जाने गवाने पडी. हकीकत ये भी है के कोरोना के दिन रात की रट सब बाते छुप  गयी.
 मेरे मोहल्ले में जब दो दिन में पांच जाने गवाई है,जिसमे तहकिक से बात ये सामने आयी है कि,हार्ट ,शुगर,बीपी का मरीज  अपना सर्दी बुखार की वजह से कोरोना के फैले गलत फहमियों के कारण दवाखानों में नही जा रहे है.दवाखानों में जाने जे बाद खून पेशाब बीपी चेक कराने से पहले कोरोना टेस्ट चेक कराने के बाद रिपोर्ट के आने तक बीमारी हद पार कर रही है नतीजन मौत असर कर रही है.सर्दी की तरफ को नजरअंदाज करने से न्यूमोनिया और न्यूमोनिया से मौत का शिकार हुए है.ये सब बातें सामाजिक दर्द रखनेवाले डॉक्टरोंसे से चर्चा मालूम हुई है. 
सरकारी प्रतिबंद ने भी बहोत सारी जाने ली है.अपने ही बाप के मय्यत में शामिल न होने का गम से भी लोग मरे है.इनकम बंद होने के गम (टेंशन) भी बहोत मारे है.कोरोना के नाम पर सब दब गया है.इससे भी दुखद बात ये है के, मीडिया ने इतना भय फ़ैलाया के अपने ही अपनो के अंतिम संस्कार से भागे है ये भी हुआ है  कोरोना के नाम से फैलाये गए भय के कारण.क्योंकि इंसान सब से ज्यादा गर डरता है,वह मृत्यु से याने मरने से. दर ने रिश्तों से दूर कर दिया.उसी डर ने इंसानियत को इंसानों से दूर कर दिया.
सब से एक अपील है कि, कोई भी बीमारी की नजरअंदाज ना करे.अपना इलाज कराये,खासकर बीपी,शुगर,हार्ट की बीमारी,एसीडिटी का प्रभाव राखनेवाले अक्सर ध्यान देते ही नही.अपना रूटीन चेकअप कराते रहे.और डॉक्टरो से भी अपील है सामाजिक जागृति के लिए आपका आगे आये.साथ ही कोरोना की रिपोर्ट से पहले डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारी की भी जांच करवाएं ताके सही डायग्नोसीस होकर मरीज अच्छा होकर उसकी जान बचे.हर इल्जाम में कोरोना बे वजह बदनाम ना हो,कोरोना का इलाज नही है और बहोत सारे कोरोना के मरीज अच्छे होकर घर आये है.ये हकीकत है.तो अब जानेवाली जाने अचानक बढ़ रही है. वजह कोरोना हम सब के दिल मे डर पैदा कर गयी है.प्लीज् प्लीज प्लीज् अपने दिल से कोरोना का डर निकाले. छोटेसे छोटे दुखने को नजरअंदाज ना करे....
सामाजिक जागरूता के लिए हम सब हमिलकर काम करे.
सरकार सभी हालत को कड़क नियमों को शिथिल करे 

अफजल सय्यद
संपादक, न्यूज एडिटर, अहमदनगर