Monday, July 20, 2020

ऊर्दू,अरेबिक, पर्शियन, फ़्रेंच लैंग्वेजेज सीखने में रोजगार के बड़े मौके - प्रो. शाहिद खोत सर


ऊर्दू,अरेबिक, पर्शियन, फ़्रेंच लैंग्वेजेज सीखने में रोजगार के बड़े मौके - प्रो. शाहिद खोत सर


 प्राइम चर्चा में 10 th, और 12 th के बाद लैंग्वेजेज( भाषा)में  बेहतरीन करियर बनाया जा सकता है.इस विषय को लेकर प्रोफेसर शाहिद खोत सर ने मार्गदर्शन (रहनुमाई) किया.शाहिद खोत सर ने कहा के, अक्सर बच्चे समझ नही पाते के 10th और 12th बाद क्या किया जाये.और पैरेंट भी नही जानते के बच्चे के किए क्या मुनासिब है और क्या नही? जो कुछ थोड़ा बहोत जानते है, उनकी अक्सर ख्वाहिश होती है अपना बच्चा डॉक्टर या इंजीनियर बने.मगर ये सब बच्चो की सलाहियत पर निर्भर होता है.बहोत सारे बच्चे अपने दोस्तों की वजह से अपना कॉलेज चुनते और अपनी साइड भी तय करते है.यह सब इस वजह से होता है कि,कोई सही गाइडेंस करनेवाले नही होते है.लेकिन आज के टेक्नोलॉजी के दौर में झुम प्राइम चर्चा और बहोत सारी संघठन अलग अलग ऑनलाइन प्रोग्रामस ले रही है.जिसका फायदा अब सबने उठाने की जरूरत है.जिसका एक हिस्सा के आज मै उर्दू, अरबिक,पर्शियन, फ्रेंच दीगर लैंग्वेजेज की करियर बनाने में कितने कारगर है.ये बताने आया हुँ. 
शाहिद सर अपनी निजी जिंदगी की बात बताते हुए कहते है.मुझे कोई बतानेवाला नही था.मैंने पहले बी.कॉम किया.बाद एम कॉम,फिर उर्दू में एम.ए. किया और आखिर में मैंने अरेबिक किया और प्रोफेसर बन गया.लंबा सफर कोई बतलानेवाला  नही था.बचपन मे वालिद गुजर चुके थे.माँ और बड़ेभाई पढ़ाई पढ़ाई के बारे में कुछ नही जानते.सिर्फ पढ़ने की हिदायत करते थे.उनकी दुआ का असर है,जो देर बाद मंजिल मिल ही गयी दोस्त बिरादर भी कुछ भी नही जानते थे.इस बात को महसूस करते हुए आज आपको तजुर्बात और आज के वक्त में अरबिक में बहोत सारे रोजगार के मौके है.हमारे बच्चे इसको समझे और फायदा उठाये.
मदारिस के बच्चो को भी बहोत फायदा है .इसकी तफ़सीर में कहा,मदारिस के बच्चे बहोत सारा अरबी जानते है.मदरसों से पढाई के बाद इमामत की सोंचते है.वहाँ भी जगह खाली नही होती है.फिर गुरबत और बेरोजगारी का मुकाबला करना होता है.मदारिस के बच्चे मदारिस के पढ़ाई बाद आगे असरी तालीम से अरबिक वा पर्शियन डिग्री हासिल कर करते है तो बहोत सारे काम जिससे बड़ी आमदनी हासिल कर सकते है.जिस पर हमें खास तवज्जो देने की जरूरत है.अरबी बहोत बड़े पैमाने पर बोली जानी वाली जबान है.जिसका बहोत बाद मार्केट है. वैसे अरबी दिनी एतेबार से भी समझना बहोत जरूरी है.
प्रोफेसर शाहिद खोत सर ने हर वो बात बतलाई जिससे फायदा हासिल हो सके.साथ ही आनेवाले दिनों ऑनलाइन अरबी क्लास बात पर बात की के गर बहोत सारे लोग शामिल हो तो वो भी जरूर सुरु की जाएंगी.जो अरबिक डिग्री लेना चाहते है.तो हर तरह की मदत रहबरी करने की बात कही है.बहोत अहमबाते से लोगो को बात समझाने की कोशिश की है.
अहमदनगर झुम प्राइम चर्चा  के जानिब प्रोफेसर शाहिद खोत सर का शुक्रिया अदा किया गया.महाराष्ट्र के मुख़तलिफ़ इलाको से लोगो ने ऑनलाइन हिस्सा लिया.बहोत सारे स्टूडेंट्स को इस का फायदा जरूर होंगा. इंशाअल्लाह....
अफज़ल सय्यद
एडीटर,न्यूज वैल्यू, अहमदनगर.

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