Tuesday, April 28, 2020

पीएमकी मनकी बात और आरएसएस का प्रबोधन(?) एकही दिन करते है तब


पीएमकी मनकी बात और आरएसएस का प्रबोधन(?) एकही दिन करते है तब

क्या मंशा हो सकती है॥
भाजपा और आर एस एस दोनों की राजनीति अलग अलग है।हडबडाहट मे एक ही दिन मिडीया के सामने मुखातिब होना इसके पिछे भी उनकी कोई नई चाल है।सीधी सी बात है आंतरराष्ट्रीय दबाव का नतीजा है यह और कुछ नही। वैसे तो आगे कुआं पीछे खाई दिखनेसे खाड़ी देशों के धमकी से अब डर गए हैं ।वर्ल्ड बँक की माने तो २०१८ मे जो परदेशी रकम देश मे आयी उसमे ५५% अकेले गल्फ मुल्कोंसे आया है। इतना सारा पैसा आता है तो अंदाजा लगा सकते है कितनी बडी फटी होगी। अर्थ व्यवस्था का कबाड़ा तो किया ही है, अब अगर बाहर से पैसा आना भी रुक जाए तो फिर तो देश पूरा भीखमंगा बन जाएगा और गल्फरिटर्न ऊन १.३ करोड लोगोको यहाँ रोजगार कहॉंसे देंगे। इतनी अक्ल तो सरकार में भी है। या यह सोची समझी नयी रणनीति भी हो सकती है कि एक कदम पीछे होकर ,चार कदम आगे बढ़ना। इंसान जब अपने बनाए जाल में फंसने लगता है तो ऐसी ही हालात होते हैं।
ट्रोल आर्मी के कारण बीजेपी और  आरएसएस के प्रति आम लोगों में दिनों दिन दूरी बढ़ती जा रही है । हो सकता है कि एक सौ तीस करोड़ लोगों के देश में कुछ लाख या एक दो करोड़ लोग ट्रोल आर्मी के प्रभाव में आ भी जायें , लेकिन उनकी ट्रोल की वजह से कई गुना ज़्यादा लोग इनसे दूर होते जा रहे हैं । बीजेपी की लोकप्रियता दिनों दिन कम होती जा रही है।अब मोदी सरकार पूरी तरह से हर मुद्दे पर फेल हो गई है सिर्फ बाबरी मस्जिद के मसले में उसने सुप्रीम कोर्ट को मैनेज कर के मामला अपने फेवर में कर लिया है लेकिन कोर्ट का फैसला कुछ ऐसा आया है कि हिन्दू धर्म ध्वजा वाहकों को मन्दिर बन जाने के बाद कुछ सवाल ऐसे खड़े हो जायेंगे कि जिसका कोई नैतिक व धर्म सम्मत जवाब देना उनके लिए मुश्किल हो जायेगा।
हालात ऐसे हो गए हैं कि बीजेपी के पास हिंदू- मुस्लिम करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प बचा ही नहीं है। ऐसे में बीजेपी और आरएसएस के बड़े नेता और कार्यकर्ता सामाजिक सद् -भावना और एकता की बातें पब्लिक प्लेस पर मीडिया के सामने खूब करेंगें लेकिन बैकडोर से अपने वालंटियर को उकसाया करेंगें जैसा कि अभी भी दिखाई दे रहा है, उन वालंटियर को पुलिस प्रशासन, कानून व्यवस्था, न्यायायिक व्यवस्था से कोई परेशानी नहीं होगी अर्थात् पूरा संरक्षण मिलेगा, मुस्लिम कम्युनिटी को टारगेट किया जाता रहे गा तब तक, जब तक कि फिर इनकी सरकार नहीं बन जाती। कुछ ऐसा भी हो सकता है कि इंडियन मुस्लिम खुद ही अपने को सेफ करने के लिए खुद ही मजबूरन बीजेपी और आरएसएस के साथ खड़े हो जायेंगे। मुस्लिम समुदाय के लिए इनकी मेंहरबानी भी लोहे के चने चबाने जैसी है, ये लोग कभी भी मुस्लिम समुदाय का भला करना तो दूर चैन से इन्हे मजदूरी भी नही करने देंगे, सब्जी बेचेंगे उसमे ये हिंदु मुस्लिम खङा कर देंगे, बिमार होगे तो अस्पतालमे हिंदु मुस्लीम कर देंगे,मुस्लिम समुदाय से बदले की भावना रखते आये हैं, मुस्लिम समुदाय को हर तरीके से तंग करेगे। अभी साइबर क्राइम पर लगने वाली धाराओं में इसलिए ही बदलाव अचानक किया गया है ताकि भडकाऊ भाषण और वीडियो पोस्ट करने वाले उनके वालंटियर सेफ रहें।
अजी़मशेख@माँ आंदोलन महाराष्ट्र
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