Wednesday, April 29, 2020

"मुझे खुशी है के मेरा प्लाज्मा किसीके काम आ सका !"पहिला प्लाज्मा डोनर तबरेजखान

    सुल्तानपुरी क्वारणटाईनसेंटर के बाहर प्लाज्मा डोनेशन के             लिए लाईन में खड़े हुए तबलीग जमात के साथी

"मुझे खुशी है के मेरा प्लाज्मा किसीके काम आ       सका !"पहिला प्लाज्मा डोनर तबरेजखान


"करोना के रिसर्च या किसी ट्रायल मेंरा शरीर काम आ सके तो मैं देश के लिए तैयार हूँ." यह अल्फाज है, कोरोना महामारी के इलाज के रिसर्च के लिए भारत के पहिले प्लाज्मा डोनर ३६ साल उम्र तबरेज खानके है.जिनका कारोबार मोजे(सॉक्स)का है,जो दिल्लीके जहाँगीरपूरी में रहते है.तबरेजखान के प्लाज्मा डोनेशन(दान) के कारण एलएनजेपी अस्पताल के दो अत्यावस्थ मरीज की हालात सामान्य हो गयी है.उन्हें जनरल वार्ड में लाया गया है.
प्लाज्मा डोनेट के बाद तबरेजखान ने कहा,मुझे पता नही, मेरा प्लाज्मा किसे चढाया गया,उसका मजहब क्या है ?आपने भाई के लिए प्लाज्मा डोनेशन किया है. मुझे खुशी है मेरा प्लाज्मा किसीके काम आ सका.कोरोना महामारी पूरे देशको दर्द दे रही है.हम सब का एक ही मकसद होना चाहिए,इस बीमारीक़े खिलाफ जंग जीतो.
तबरेजखान को उनकी  बहन दुबईसे मिलने आने पर कोरोना पॉजिटिव पायी गयी.जिससे १८ मार्च को एलएनजेपी अस्पताल में पॉजिटिव पाया गया,३एप्रिल २०२० को पहिली रिपोर्ट में नेगेटिव पाया गया,५एप्रिल दूसरी रिपोर्ट भी नेगेटिव निकली,अस्पताल से घर भेजकर १९एप्रिल तक क्वारणताएँ किया गया. जब पहिले ट्रायल डोनर की दिल्ली के मुख्यमंत्री की अपील पर एलएनजेपी अस्पताल फोन कर अपना नाम पहिला प्लाज्मा डोनर कर दर्ज करवाया और प्लाज्मा दान तीन सायकल में करवाया.जिसकी वजहसे दो कोरोना मरीज वेंटिलेटर पर जा सकते थे. तबरेजखान की प्लाज्मा की वजह से सामान्य बन चुकी है.प्लाज्मा इंसान का होता है,तो इंसान को चढता है.जानवर का प्लाज़्मा इंसान को नही चढता. तबरेजखान ने मिसाल कायम की है.
देशमे कोरोना के इलाज केलिए प्लाज्मा डोनर की तलाश की चुनौती है.तबलीग जमात के लगभग २०० साथीने अपना प्लाज्मा सुल्तानपुरी क्वारणताएँ सेंटर में देने के किए आये थे.ज्यादातर दिल्ली के बाहर के थे. लॉक डाउन की वजहसे घर नही जा सकते थे. अथॉरटीने उन्हें कई शिफ्ट कराया है. और प्लाज्मा डोनेशन के लिए बुलाया जाएगा.।
अब सवाल ये भी तो है,जमात के कुछ मरीज नेगेटिव होने पर दिल्ली बाहर के लॉकडाउन की वजहसे उन्हें भेज ना सकी. अपने तौर पर रहनेका इंतजाम कर रही है.अचानक लॉकडाउन की वजह से मरकज के जिम्मेदार कैसे भेज पाते?
बिना सोंचे कोरोना फैलाने का जिम्मेदार तबलीग जमातके मुसलमानो को ठहराया गया.
खुशी इस बात की तबरेजखान के प्लाज्मा डोनेशन की वजह से दो करोना के मरीज की सेहत सुधर रही है.और अब तबकिग जमात के जो मूसलमान है, सैकड़ों प्लाज़्मा कोरोना को हद्दपार केलिए दिल्लीमें आज मौलाना साद साहब की आवाज पर लाइन लगाए खड़े है.अब मीडिया और मुसलमानो से नफरत की सियासत करनेवाले क्या अंधे बन बैठे है.
"अब के वक्त है,देश के साथ सभी भारतीयों को एक साथ मजबूती से कोरोना को देश से निकाल बाहर करवाने का!"

अफज़ल सय्यद,
एडिटर, न्यूज व्हलुज

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