Friday, April 10, 2020

फिर मोबलिंची में मारा गया मुस्लिम नवजवान !क्या यह गोदी मीडिया के हेट न्यूज असर नही ?


फिर मोबलिंची में मारा गया मुस्लिम नवजवान !क्या यह गोदी मीडिया के हेट न्यूज असर नही ?

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली सरकार से  शिकायत दर्ज 

तबलीग जमात मुस्लिम समाज का एक धार्मिक हिस्सा है।करोना वायरल को लेकर गोदी मिडियाने बहोत बड़े पैमानेमे मुसलमानो के खिलाफ मन घडत हेट प्राइम टाइम बनवाये दिखाये गये।जो साम्प्रदायिक भेद का कारण बन रही है।परिणाम तबलीग जमातसे जुड़े एक युवक की जमाव ने मिलकर हत्या की है.पुलिस का कहना है, युवक कोरोना वायरल फैलाने के इरादे से आया है।यह गलतफहमी (अफवा) की खबर गाँववालो में पहुंची और वो माबलिंची का शिकार हुआ।बेकसूर युवक मीडिया के हेट न्यूज और साम्प्रदायिक तेड के कारण के मुस्लिम समाज मे डर का माहौल पैदा हुआ है। अल्पसंख्यक (माइनॉरिटी)आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने पत्र में कहा है कि दिल्ली सरकार रोज कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की लिस्ट जारी करती है। इसमें अलग से मरकज का कॉलम होता है। इससे इस्लामोफोबिया के एजेंडे को बढ़ावा मिल रहा है। यह देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम समुदाय के सामाजिक बहिष्कार पर आक्रमण की वजह बन रहा है। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में ऐसा ही एक वाकया हुआ है।दिल्ली नार्थ वेस्ट  बावना के हरिवाली गाँव मे २२ साल के महबूब अली युवक गोदी मीडिया के हेट न्यूज के कारण साम्प्रदायिक मोबलिंची के वजह से मारा गया है।
 आयोग के अध्यक्ष का कहना है कि इस तरह की आंकड़ेबाजी को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी संज्ञान में लिया है। संगठन ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का धार्मिक या दूसरे किसी तरह से भेदभाव न किया जाए। आयोग ने इस कॉलम को हटाने की मांग भी दिल्ली सरकार से की है।
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली सरकार की तरफ से जारी होने वाले कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़े आधिकारिक आंकड़ों में तब्लीगी जमात के मरीजों का अलग से जिक्र होने पर एतराज जताया है। आयोग ने इस बारे में दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि इस तरह की चीजों से इस्लामोफोबिया के एजेंडे को बढ़ावा मिल रहा है। लिहाजा संप्रदाय के आधार पर दिए जाने वाले कॉलम को हटाया जाए.

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